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HMPV Virus in India

HMPV Virus

कोविड-19 जैसा एक और स्वास्थ्य संकट चीन से उभरता हुआ दिख रहा है।

इसका नाम है एचएमपीवी वायरस। सोशल मीडिया पर चीन से आई कई तस्वीरें सामने आने के बाद भारत में भी इसको लेकर चर्चाएं बढ़ गई हैं। जिस वायरस की चर्चा हो रही है, उसका नाम है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस।

इसे एचएम पीवी भी कहा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में एचएम पीवी के मामलों में कुछ बढ़ोतरी हुई है। यह एक श्वसन संक्रमण है। हालांकि चीन ने अभी तक एचएम पीवी को आधिकारिक तौर पर महामारी घोषित नहीं किया है। इस बीच भारत सरकार ने वायरस पर अपडेट जारी किया है। सरकार ने क्या कहा है, यह जानने से पहले वायरस के बारे में जानना जरूरी है। ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस क्या है? ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस एक श्वसन वायरस है। यह सर्दी-जुकाम जैसा हल्का संक्रमण पैदा करता है। द हिंदू में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वायरस की पहचान वैज्ञानिकों ने सबसे पहले 2001 में की थी।

यह वायरस न्यूमोवायरस परिवार से संबंधित है। यह वही परिवार है जिसमें खसरा और कण्ठमाला जैसे श्वसन तंत्र के वायरस भी शामिल हैं। एचएमपीवी ऊपरी और निचले दोनों श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। 1920 में संक्रमण यह संक्रमण का कारण बन सकता है और आमतौर पर सर्दियों और शुरुआती वसंत में देखा जाता है, जिसका अर्थ है कि यह इन मौसमों में फैलता है।

बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को इस संक्रमण के होने का अधिक खतरा होता है। इस वायरस के लक्षण आम सर्दी-जुकाम जैसे ही होते हैं। इनमें खांसी, बहती या बंद नाक, गले में खराश, बुखार और घरघराहट शामिल हैं। इसके लक्षण दिखने में तीन से छह दिन लग सकते हैं। हालांकि, जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता है, कुछ लोगों में ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसी जटिलताएं विकसित होने की संभावना होती है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है। आपको डॉक्टर की देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।

अब यह वायरस कैसे फैलता है?

एचएमपीवी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या वायरस वाली वस्तुओं को छूने से फैलता है। यह खांसने, संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने या उससे हाथ मिलाने, गले मिलने या किसी और के चेहरे को छूने से फैलता है। दरवाजे की कुंडी, फोन या कीबोर्ड को छूने से भी संक्रमण हो सकता है। क्या इसके लिए कोई टीका है? एचएमपीवी के इलाज के लिए कोई टीका या कोई एंटीवायरल नहीं है। बुखार और दर्द से राहत पाने के लिए ज्यादातर लोगों को काउंटर दवाओं की जरूरत होती है। इस वायरल संक्रमण में एंटीबायोटिक्स काम नहीं करते। इस बारे में भारत सरकार ने क्या कहा है? स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) के अधिकारी डॉ. अतुल गोयल ने लोगों को घबराने की सलाह नहीं दी है और लोगों से श्वसन संक्रमण के बारे में भी सतर्क रहने को कहा है।

मीडिया से बात करते हुए डॉ. गोयल ने कहा कि चीन में मेटा न्यूमो वायरस की खबरें हैं। निमोनिया के फैलने की खबरें हैं। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेटा न्यूमोवायरस किसी भी अन्य श्वसन वायरस की तरह है जो सामान्य सर्दी का कारण बनता है। डॉ. गोयल ने आगे कहा कि हमारे देश में श्वसन रोगों के आंकड़ों को देखते हुए, आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। दिसंबर 2022 के आंकड़ों में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। हमारे किसी भी संस्थान में बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने नहीं आए हैं। डॉ. गोयल ने कहा है कि खांसी और छींक आने पर सामान्य दवाएं लें।

अधिकारी ने कहा कि मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। आपको बता दें कि पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र कार्यालय WPRO के 16 से 22 दिसंबर के आंकड़ों के अनुसार, चीन में तीव्र श्वसन संक्रमण में वृद्धि हुई है, जिसमें मौसमी प्रभाव राइनोवायरस श्वसन शामिल है। वायरल लोड और एचएमपीवी शामिल हैं। चीन के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन ने निमोनिया के मामलों को ट्रैक करने और नियंत्रित करने के लिए डिज़ाइन की गई एक पायलट निगरानी प्रणाली लागू की है। चीन में नए प्रोटोकॉल के तहत, सभी प्रयोगशालाओं को संक्रमण की रिपोर्ट करनी होगी।

उन्हें जानकारी साझा करने के लिए कहा गया है, हालांकि आधिकारिक रिपोर्टों में स्थिति को गंभीर नहीं बताया गया है। लल्लन ट्रॉप इस मामले पर नज़र रखे हुए है और जो भी अपडेट आएगा वो आप तक पहुंचाता रहेगा। इस वीडियो की स्क्रिप्ट मेरे दोस्त प्रशांत ने लिखी है। मेरा नाम सोनल है। भारत और दुनिया भर की सभी खबरों के लिए हमारे साथ जुड़े रहिए।

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